प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात इन्वेस्टर समिट को संबोधित करते हुए शुक्रवार 13 अगस्त 2021 को भारत में  Vehicle Scrapping policy लॉन्च कर दी है। आइए जानते है इस पालिसी के बारे में विस्तार में। 



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Vehicle Scrapping policy क्या होती है?

इस पॉलिसी के तहत,पर्यावरण के लिए  अनुपयुक्त और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटा दिया जाता है। इस पॉलिसी में सरकार ने हर वाहन की उम्र निर्धारित की हैजो की कम से कम 15 साल और अधिकतम 20 साल रखी गई है।यदि आपका वाहन सरकार द्वारा  निर्धारित इस समय सिमा को पूरा कर देता है तो आपको अपने वाहन को स्क्रैप कराना होगा। 

भारत में Vehicle Scrapping policyके नियम क्या है ?

1. यदि आपका कोई कमर्शियल वाहन है, तो उसमे आपकी गाड़ी का सरकार द्वारा 15 साल का पंजीकरण किया जाता है । 15 साल पूरे हो जाने के बाद आपके पास दो विकल्प बचते है पहला यह की आप अपने वाहन को स्क्रैप करा कर एक नया वाहन खरीद सकते है और यदि आप अपने उसी वाहन को ओर समय के लिए चलाना कहते है तो आपको अपने वाहन का पुनः पंजीकरण करना पड़ेगा और यह तभी संभव है जब आप अपने वाहन का फिटनेस सर्टीफिकेट सरकार को पेश करेंगे।

2   यदि आपका निजी वाहन है, तो उसमे आपकी गाड़ी का सरकार द्वारा 20 साल का पंजीकरण किया जाता है । 20 साल पूरे हो जाने के बाद आपके पास वही दो विकल्प बचते है पहला यह की आप अपने वाहन को स्क्रैप करा कर एक नया वाहन खरीद सकते है और यदि आप अपने उसी वाहन को ओर समय के लिए चलाना कहते है तो आपको अपने वाहन का पुनः पंजीकरण करना पड़ेगा और यह तभी संभव है जब आप अपने वाहन का फिटनेस सर्टीफिकेट सरकार को पेश करेंगे।

गाड़ी का फिटनेस सर्टीफिकेट कहा से लिया जा सकेगा ?

आपकी गाड़ी को स्क्रैप किया जाना चाहिए या नहीं यह पूर्ण रूप से आपकी गाड़ी की फिटनेस पर निर्भर करेगा। यह फिटनेस सर्टिफिकेट आपको भारत सरकार द्वारा नियुक्त किए गए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर से लेने होंगे । सरकार, निजी क्षेत्र और ऑटोमोबाइल कम्पनिया सब साथ मिल कर AFC'S की स्थापना करेंगे।गाड़ी के फिटनेस सर्टीफिकेट के लिए आपसे कुछ शुल्क भी लिया जायगा, अभी सरकार ने इसका कोई खुलासा नहीं किया है।

नई Vehicle Scrapping policy से आम जनता को क्या फायदा मिलेगा?

1. यदि आप 15 से 20 साल बाद अपनी गाड़ी को स्क्रैप कराने का निर्णय लेट है और आप नई गाड़ी खरीदना चाहते है। तो आपको स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाने पर आपकी नई गाड़ी पर 5 से 6 प्रतिशत तक छूट मिल सकती है। 

2. रोड टेक्स में भी आपको सरकार की तरफ से 15 से 25 प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है। 

3. नई गाड़ी खरीदने पर आपकी गाड़ी का पंजीयन शुल्क भी माफ़ किया जा सकता है। 

नई Vehicle Scrapping policy से आम जनता को नुकसान क्या है?

1. इस पॉलिसी के लागु हो जाने के बाद आप अपनी 15 से 20 साल पुरानी गाड़ी बिना फिटनेस सर्टीफिकेट नहीं चला पाएगे।  फिटनेस सर्टीफिकेट नहीं मिलने की सूरत में आपकी गाड़ी का पुनः पंजीकरण नहीं किया जायगा और आपकी गाड़ी को स्क्रैप सेंटर भेज दिया जायगा। 

2 . आपकी 15 से 20 साल  पुरानी गाड़ी का पुनः पंजीकरण भी आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है क्योकि  सरकार ने पुराणी गाड़ी के पंजीयन शुल्क को कई गुना ज़्यादा बड़ा दिया है। 

3. सेकेंड हैंड कार मार्केट में आपको आपकी पुरानी गाड़ी वैल्यू भी आपको कम मिलने वाली है। 

सरकारी गाड़िओ पर इस पालिसी का क्या असर पड़ेगा ?

सभी सरकारी गाड़ियों के लिए साफ साफ निर्देश दिए गए है की जितनी भी गाड़िया सरकारी कार्यालो में चल रही है उनके 15 साल पुरे होते ही स्क्रैपिंग के लिए भेज दिया जाए और उनका पुनः पंजीकरण नहीं किया जाए। 

Vehicle Scrapping policy को सरकार क्यों लागु करना चाहती है?

1. पुराने वाहनों से होने वाले प्रदुषण को कम करना। 

2. सरकार इस पालिसी के माध्यम से सड़क और वाहन सुरक्षा में सुधार करना चाहती है और साथ ही साथ सरकार देश में वाहन स्क्रैपिंग उद्योग को बढ़ावा देना चाहतीहै।

3. सरकार का यह भी कहना है की आपके द्वारा स्क्रैप में दी हुए गाड़ी के स्क्रैप  से  गाड़िओ के पार्ट्स बनाये जायेगे जो उपभोगता को काफी किफायती पड़ेगे। 

4. कार निर्माता कंपनी को इससे काफी फायदा होने वाला है क्योंकि की इस पॉलिसी से सीधे तौर पे उनकी गाड़िओ की बिक्री में बढ़ोतरी होगी। 

5. इस पॉलिसी से सरकार के gst कलेक्शन में भी अछि खासी बढ़ोतरी होगी। 

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